ब्रायलर मुर्गी पालन की पूरी जानकारी Broiler Farming Guide Hindi

ब्रायलर मुर्गी पालन का तरीका How to Start Broiler Farming Guide Hindi

ब्रायलर मुर्गी पालन की पूरी जानकारी Broiler Farming Guide Hindi
आज भारत में ब्रायलर फार्मिंग एक सुविकसित व्यवसाय के रूप में उभर चूका है। ब्रायलर मुर्गी पालन कम समय में अधिक से अधिक पैसे कमाने का व्यवसाय है। इसे छोटे किसान भी छोटे गाँव में कर सकते हैं बस उन्हें सही गाइड की आवश्यकता है। Broiler farming Guide Hindi में समझने से पहले जरूरी है जानना – ब्रायलर मुर्गी क्या है ? 

ब्रायलर मुर्गी क्या है ? WHAT IS BROILER CHICKEN HINDI?

विषय सूचि [show]
ब्रायलर मुर्गी का पालन मांस के लिए किया जाता है। Broiler प्रजाति के मुर्गा या मुर्गी अंडे से निकलने के बाद 40 ग्राम के होते हैं जो सही प्रकार से दाना खिलाने के बाद 6 हफ्ते में लगभग 1.5 किलो से 2 किलो के हो जाते हैं।

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ब्रायलर मुर्गी पालन का तरीका HOW TO START BROILER FARMING GUIDE HINDI

#1 फार्म के लिए जगह का चयन

  • जगह समतल हो और कुछ ऊंचाई पर हो, जिससे की बारिश का पानी फार्म में जमा ना हो सके।
  • मुख्य सड़क से ज्यादा दूर ना हो जिससे लोगों का और गाड़ी का आना जाना सही रूप से हो सके।
  • बिजली और पानी की सुविधा सही रूप से उपलब्ध हो।
  • चूज़े, ब्रायलर दाना, दवाईयाँ, वैक्सीन आदि आसानी से उपलब्ध हो।
  • ब्रायलर मुर्गी बेचने के लिए बाज़ार भी हो।

#2 फार्म के लिए शेड का निर्माण

  • शेड हमेशा पूर्व-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और शेड के जाली वाला साइड उत्तर-दक्षिण में होना चाहिए जिससे की हवा सही रूप से शेड के अन्दर से बह सके और धुप अन्दर ज्यादा ना लगे।
  • शेड की चौड़ाई 30-35 फुट और लम्बाई ज़रुरत के अनुसार आप रख सकते हैं।
  • शेड का फर्श पक्का होना चाहिए।
  • शेड के दोनों ओर जाली वाले साइड में  दीवार फर्श से मात्र 6 इंच ऊँची होनी चाहिए।
  • शेड की छत को सीमेंट के एसबेस्टस या चादर से बनाना चाहिए और बिच-बिच में वेंटिलेशन के लिए जगह भी होना चाहिए। चादर को दोनों साइड 3 फीट कट लम्बा रखें जिससे की बारिश के बौछार से शेड ना भिज जाये।
  • शेड की साइड की ऊँचाई फर्श से 8-10 फूट होना चाहिए व बीचो-बीच की ऊँचाई फर्श से 14-15 फूट होना चाहिए।
  • शेड के अन्दर बिजली के बल्ब, मुर्गी दाना व पानी के बर्तन, पानी की टंकी की उचित व्यवस्था होना चाहिए।
  • एक शेड को दुसरे शेड से थोडा दूर- दूर बनायें। आप चाहें तो एक ही लम्बे शेड को बराबर भाग में दीवार बना कर भी बाँट सकते हैं।

#3 दाने और पानी के बर्तनों की जानकारी

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  • प्रत्येक 100 चूज़ों के लिए कम से कम 3 पानी और 3 दाने के बर्तन होना बहुत ही आवश्यक है।
  • दाने और पानी के बर्तन आप मैन्युअल या आटोमेटिक किसी भी प्रकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। मैन्युअल बर्तन साफ़ करने में आसान होते हैं लेकिन पानी देने में थोडा कठिनाई होती है पर आटोमेटिक वाले बर्तनों में पाइप सिस्टम होता है जिससे टंकी का पानी सीधे पानी के बर्तन में भर जाता है।

#4 बुरादा या लिटर

  • बुरादा या लिटर के लिए आप लकड़ी का पाउडर, मूंगफली का छिल्का या धान का छिल्का का उपयोग कर सकते हैं।
  • चूज़े आने से पहले लिटर की 3-4 इंच मोटी परत फर्श पर बिछाना आवश्यक है। लिटर पूरा नया होना चाहिए एवं उसमें किसी भी प्रकार का संक्रमण ना हो।

#5 ब्रूडिंग

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  • चूज़ों के सही प्रकार से विकास के लिए ब्रूडिंग सबसे ज्यादा आवश्यक है। ब्रायलर फार्म का पूरा व्यापार पूरी तरीके से ब्रूडिंग के ऊपर निर्भर करता है। अगर ब्रूडिंग में गलती हुई तो आपके चूज़े 7-8 दिन में कमज़ोर हो कर मर जायेंगे या आपके सही दाना के इस्तेमाल करने पर भी उनका विकास सही तरीके से नहीं हो पायेगा।
  • जिस प्रकार मुर्गी अपने चूजों को कुछ-कुछ समय में अपने पंखों के निचे रख कर गर्मी देती है उसी प्रकार चूजों को फार्म में भी जरूरत के अनुसार तापमान देना पड़ता है।
  • ब्रूडिंग कई प्रकार से किया जाता है –  बिजली के बल्ब से, गैस ब्रूडर से या अंगीठी/सिगड़ी से।
बिजली के बल्ब से ब्रूडिंग
इस प्रकार के ब्रूडिंग के लिए आपको नियमित रूप से बिजली की आवश्यकता होती है। गर्मी के महीने में प्रति चूज़े को 1 वाट की आवश्यकता होती है जबकि सर्दियों के महीने में प्रति चूज़े को 2 वाट की आवश्यकता होती है। गर्मी के महीने में 4-5 दिन ब्रूडिंग किया जाता है और सर्दियों के महीने में ब्रूडिंग 12-15 दिन तक करना आवश्यक होता है। चूजों के पहले हफ्ते में ब्रूडर को लिटर से 6 इंच ऊपर रखें और दुसरे हफ्ते 10 से 12 इंच ऊपर।
गैस ब्रूडर द्वारा ब्रूडिंग
जरूरत और क्षमता के अनुसार बाज़ार में गैस ब्रूडर उपलब्ध हैं जैसे की 1000 औ 2000 क्षमता वाले ब्रूडर। गैस ब्रूडर ब्रूडिंग का सबसे अच्छा तरिका है इससे शेड केा अन्दर का तापमान एक समान रहता है।
अंगीठी या सिगड़ी से ब्रूडिंग
ये खासकर उन क्षेत्रों के लिए होता हैं जहाँ बिजली उपलब्ध ना हो या बिजली की बहुत ज्यादा कटौती वाले जगहों पर। लेकिन इसमें ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि इससे शेड में धुआं भी भर सकता है या आग भी लग सकता है।

#6 ब्रायलर मुर्गी दाना से जुडी जानकारी

ब्रायलर फार्मिंग में 3 प्रकार के दाना की आवश्यकता होती है। यह दाना ब्रायलर चूजों के उम्र और वज़न के अनुसार दिया जाता है –
  • प्री स्टार्टर (0-10 दिन तक के चूजों के लिए)
  • स्टार्टर (11-20 दिन के ब्रायलर चूजों के लिए)
  • फिनिशर (21 सिन से मुर्गे के बिकने तक)

#7 पीने का पानी

ब्रायलर मुर्गा 1 किलो दाना खाने पर 2-3 लीटर पानी पीता है। गर्मियों में पानी का पीना दोगुना हो जाता है। जितने सप्ताह का चूजा उसमें 2 का गुणा करने पर जो मात्र आएगी, वह मात्र पानी की प्रति 100 चूजों पर खपत होगी, जैसे –
पहला सप्ताह = 1 X 2 = 2 लीटर पानी/100 चूजा
दूसरा सप्ताह = 2 X 2 = 4 लीटर पानी /100 चूजा

#8 ब्रायलर मुर्गियों के लिए जगह का हिसाब

पहला सप्ताह – 1 वर्गफुट/3 चूज़े
दूसरा सप्ताह – 1 वर्गफुट/2 चूज़े
तीसरा सप्ताह से 1 किलो होने तक – 1 वर्गफुट/1 चूज़ा
1 से 1.5 किलोग्राम तक – 1.25 वर्गफुट/1 चूज़ा
1.5 किलोग्राम से बिकने तक 1.5 वर्गफुट/1 चूज़ा
सही प्रकार से चूजों को जगह मिलने पर चुज़ो को विकास अच्छा होता है और कई प्रकार की बिमारियों से भी उनका बचाव होता है।

#9 ब्रायलर मुर्गियों के लिए लाइट या रोशनी का प्रबंध

चूजों को 23 घंटे लाइट देना चाहिए और एक घंटे के लिए लाइट बंद करना चाहिए, ताकि चूज़े अंधेरा होने पर भी ना डरें। पहले 2 सप्ताह रोशनी में कमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे चूज़े स्ट्रेस फ्री रहते हैं और दाना पानी अच्छे से खाते हैं। शेड के रौशनी को धीरे – धीरे कम करते जाना चाहिए।

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